Maths : Number System
Hello Friends ,
आप सब का एक बार से स्वागत है फ्रेंडयार्ड के एक नए सेशन में। आज मैं आप सभी को बताऊंगा Magic Of Numbers के बारे में,
जी हाँ फ्रेंड्स, बिलीव मी। मैथ्स एक नंबर गेम है। एक ऐसा गेम जो कि बहुत ही ज्यादा मजेदार है। आज मैं आप सभी को बताने जा रहा हूँ कुछ ऐसी जानकारी जिससे आप अपने मैथ्स के बेसिक्स को मजबूत और कॉन्सेप्ट्स को क्लियर कर पाएंगे।
आज का यह सेशन बेस्ड है नंबर सिस्टम या संख्या पद्धति पर।
Definition :-
तो फ्रेंड्स सबसे पहले बात करते है नंबर्स (NUMBERS) के बारे में। क्या होते है ये नंबर ? क्या परिभाषा होती है नंबर्स की। तो फ्रेंड्स
Number can be defined as -
"A number is a Mathematical object which is used to Count and Measure."
अगर बात करें हिंदी में, तो
"संख्या एक गणितीय वस्तु है जिसका प्रयोग गणना एवं मापन में किया जाता है।"
Classification :-
अब बात करते है कि ये नंबर होते कितने प्रकार के है।
Numbers can be classified into sets which are known as Number Systems. The Major Categories of numbers are as follows :-
- Natural Number (प्राकृतिक संख्या, N)
- Integer Number (पूर्णांक संख्या, Z)
- Rational Number (परिमेय संख्या, Q)
- Real Number (वास्तविक संख्या, R)
- Complex Number (सम्मिश्र संख्या, C)
1. Natural Numbers :-
ये संख्या सर्वाधिक प्रचलित और परिचित है। गणित में 1,2,3.... आदि संख्याओं को प्राकृतिक संख्या है। ये संख्याएं वस्तुओं को गिनने (Counting) और क्रम में रखने (Sequencing) में प्रयुक्त होती है। गणित में ये सभी संख्यायें या प्राकृतिक संख्याओं के समुच्चय को अंग्रेजी के N अक्षर से प्रदर्शित किया जाता है।
2. Integer Numbers :-
सभी धनात्मक प्राकृतिक संख्याओं, ऋणात्मक संख्याओं एवं शून्य के समुच्चय को पूर्ण संख्या कहा जाता है।
अन्य शब्दों में,
एक पूर्णांक वह संख्या है जिसे बिना किसी भिन्न घटक के लिखा जा सके (An integer is a number that can be written without a fractional component.) समस्त पूर्णाकों के समुच्च्य को अंग्रेजी के Z अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
3. Rational Number :-
यदि किसी वास्तविक संख्या को दो पूर्ण संख्याओं के अनुपात के रुओ में व्यक्त किया सकता है तो उसे परिमेय संख्या कहते है।
अर्थात कोई संख्या , जहाँ a और b दोनों पूर्ण संख्याएँ है और जहाँ , एक परिमेय संख्या होगी।
गणित में इन संख्याओं के समुच्चय को अंग्रेजी के Q अक्षर से प्रदर्शित किया जाता है। जो वास्तविक संख्याये परिमेय नहीं होती है, उन्हें अपरिमेय संख्या (Irrational Numbers) कहा है; जैसे : √२, पाई, आदि
परिमेय संख्याओं (Rational numbers) और अपरिमेय संख्याओ (Irrational numbers) के समूह को हम वास्तविक संख्या कहते है अथवा दूसरे शब्दों में हम कह सकते है कि वैसी संख्या जिसका वर्ग (Square) हमेशा एक धनात्मक संख्या हो उसे हम वास्तविक संख्या कहते है ,इसे हम नीचे दिये गए उदहारण के साथ समझते है-
Exp- 2/3 , 4.5 ,-9, -5.6 ,5√3 , 75√3 इत्यादि वास्तविक संख्याओ के उदाहरण है लेकिन √-3 एक वास्तविक संख्याओ के उदहारण नहीं है क्योकि (√-3)2 =-3≤0 एक ऋणात्मक संख्या (negative number) है।
गणित में इन संख्याओं के समुच्चय को अंग्रेजी के R अक्षर से प्रदर्शित किया जाता है।
वास्तविक संख्याओं के सजाने का क्रम :-
वास्तविक संख्याओं को दो प्रमुख प्रकार के क्रमों में लगाया जाता है जो नीचे दिए गए है :-
- आरोही क्रम या बढ़ते हुए क्रम (Increment order) :- जब दिए गए संख्याओ को बढ़ते हुए क्रमों में लिखा जाता है तो इसे हम आरोही क्रम कहते है, आरोही क्रम में सबसे पहले छोटी संख्या लिखते है ,उसके बाद उससे बड़ी ,फिर उससे बड़ीसंख्या लिखते है और और last में सबसे बड़ी संख्या लिखते है ,उदहारण के लिए दिए गए संख्याओ को लेते है – Exp- 2 , 10 , 8 , 7 , 5 , 6 ,12 आरोही क्रम = 2 , 5, 6 , 7 , 8 , 10 ,12
- अवरोही क्रम या घटते हुए क्रम (Descending order) :- जव दिए संख्याओ को घटते हुए क्रमों में लिखा जाता है तो इसे हम अवरोही क्रम या घटते हुए क्रम कहते है .घटते हुए क्रम में लिखने के लिए सबसे पहले सबसे बड़ी संख्या लिखते है फिर उससे छोटी ,फिर उससे छोटी फिर उससे छोटी और बाद में सबसे छोटी संख्या को लिखते है .उदहारण के लिए हम दिए गए संख्याओ को लेते है – Exp- 2 , 10 , 8 , 7 , 5 , 6 ,12 अवरोही क्रम = 12 ,10, 8 , 7 ,6, 5
वास्तविक संख्याओ के कुछ सामान्य गुण :-
- योग का संवृत गुण:- यदि a और b दो वास्तविक संख्याये है तो a+b भी एक वास्तविक संख्या होगी .
- व्याकलन का संवृत गुण :-यदि दो वास्तविक संक्याये a और b हो तो a-b भी एक वास्तविक संख्या होगी .
- गुणन का संवृत गुण :- यदि aऔर b दो वास्तविक संख्याये है तो a*b भी एक वास्तविक संख्या होगी .
- योग के क्रम विनिमेय गुण :- यदि a और b दो वास्तविक संख्याये है तो (a+b) = (b+a) होगा.
- गुणन का क्रम विनिमेय गुण :-यदि a और b दो वास्तविक संख्याएं है तो a*b = b*a होगा.
- जोड़ का साहचर्य गुण :- यदि a,b,c तिन वास्तविक संख्याएं है तो , a+(b+c) = (a+b)+c होगा.
- गुणा का साहचर्य नियम:-यदि तिन वास्तविक संख्याये a,b और c है तो a*(b*c) = (a*b) होगा.
- योज्य तत्समक :- वास्तविक संख्याओं के लिए 0 एक योज्य तत्समक है व्यापक रूप से किसी भी पूर्णाक a के लिए ,a+0 = a = 0+a ;
- शून्य से गुणन :- किसी भी वास्तविक संख्या a के लिए , a*0 = 0*a = 0 ;
- गुणात्मक तत्समक :- किसी वास्तविक संख्या a के लिए , a*1 = 1*a = a ;
- यदि तीन वास्तविक संख्याये a,b और c हो तो , a*(b+c) = a*b+a*c और a*(b-c) = (a*b) - (a*c)
संख्या रेखा और इस पर आधारित संस्क्रियाये ( Number Line & Its Applications) :-
एक ऐसी रेखा जिसके दाईं तरफ धनात्मक संख्याओ को लिखा जाता है और बाई ओर ऋणात्मक संख्याओं को लिखा जाता है और मध्य में शून्य को लिखा जाता है। इस प्रकार की रेखा को हम संख्या रेखा कहते है। जैसा की निचे दिए गए आकृति में दर्शाया गया है –
जैसा की ऊपर दिखाया गया है कि शून्य के दाई ओर धनात्मक संख्याये है और बाई ओर ऋणात्मक संख्याये है और दो संगत संख्याओ के बीच की दूरी एक unit अर्थात एक इकाई है इस प्रकार की व्यवस्था को हम संख्या रेखा कहते है।
संख्या रेखा पर आधारित कुछ मुलभूत गुण :-
- संख्या रेखा पर 0 हमेशा ऋणात्मक संख्या (Negative Number) -1 और धनात्मक संख्या (Positive Number) +1 के बीच में होता है।
- शून्य के दाई ओर हमेशा धनात्मक संख्या और बाई ओर हमेशा ऋणात्मक संख्या होता है।
- दो संगत संख्याओ के बीच में एक मात्रक (1 unit) की दुरी होता है।
- संख्या रेखा पर दाई तरफ की संख्याऐ अपने बाएं तरफ की संख्याओं से बड़ी होती है, जैसे – +4 ,-4 से हमेशा बड़ी है क्योकि +4 ,-4 से दाई तरफ है . ठीक इसी प्रकार , 7>4 , 8 >6 , 12>5 , 6>-8
- किसी वास्तविक संख्या में एक काल्पनिक भाग जोड़ देने से समिश्र संख्या बनती है। समिश्र संख्या के काल्पनिक भाग के साथ i जुड़ा होता है जो निम्नलिखित प्रतिबन्ध को संतुष्ट करती है :-
किसी भी समिश्र संख्या को a + bi के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जिसमें a और b दोनों ही वास्तविक संख्याएँ है। a + bi में a को वास्तविक भाग तथा b को काल्पनिक भाग कहते है। उदाहरण: 3 + 4i एक समिश्र संख्या है।
समस्त समिश्र संख्याओं के समुच्च्य को अंग्रेजी के C अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
तो फ्रेंड्स आज मैंने आपको बताया नंबर सिस्टम में। आगे आने वाले सेशन्स में मैं आपको बताऊंगा कुछ और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में और कुछ ही दिनों में मैं सीरीज भी शुरू करने वाला हूँ जिसका नाम है The Magic Of Numbers.
तो फ्रेंड्स आज मैंने आपको बताया नंबर सिस्टम में। आगे आने वाले सेशन्स में मैं आपको बताऊंगा कुछ और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में और कुछ ही दिनों में मैं सीरीज भी शुरू करने वाला हूँ जिसका नाम है The Magic Of Numbers.
सो इसी के साथ आप सभी से विदा चाहूंगा। अब आपसे जल्द मुलाकात होगी एक नए सेशन में। तब तक के लिए
बाय बाय
अलविदा
अलविदा





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